Saturday, August 25, 2018

वियाग्रा की तड़प में वीणा दीदी हुई चुदाई की दीवानी

हेलो दोस्तों मेरा नाम अमित है और मैं पंजाब में रहता हूं. यह स्टोरी उस समय की है जब मैं बारहवीं में पढ़ता था और मुझे अच्छे मार्कस लाने के लिए स्पेशल ट्यूशन लेनी पड़ती थी.
मेरी ट्यूशन वाली दीदी का नाम विणा था और वह तब 26 साल की थी. विणा दीदी बहुत होशियार थी और वह बहोत ही सुंदर भी थी. क्योंकि वह पढ़ाई ज्यादा करती थी तो उनका कोई बॉयफ्रेंड नहीं था और वह 26 साल की उम्र में भी वर्जिन ही थी. विणा दीदी काफी सेक्सी और हॉट भी थी और फिर भी मुझे उन्हें दीदी बोलके बुलाना पड़ता था. विणा दीदी के फादर नहीं थे और वह अपनी मम्मी के साथ रहती थी.
बात उस टाइम की है जब मैं बारहवीं में था और ठंडी की छुटी के दिन चल रहे थे. तब ठंड बहुत ज्यादा पड़ रही थी और मेरी ट्यूशन का टाइम शाम को 6:00 से रात के 8:00 बजे का था. मुझे नई नई जवानी आई थी और मेरा इंटरेस्ट लड़कियों के बॉडी पार्ट्स पर ज्यादा जाने लगा था.
में रोज ट्यूशन में अपनी बुक्स से ज्यादा दीदी की फिगर और बूब्स को देखता था. कई बार तो उन्होंने मुझे देख भी लिया था, पर उसने हर बार मेरी भूल को स्माइल कर के इग्नोर कर दिया. गर्मी की छुट्टियो में दीदी की एक कजिन की दिल्ली में शादी थी. मेरी ट्यूशन की वजह से उन्होंने जाना कैंसल कर दिया, क्योंकि शादी में 3-4 दिन लगने वाले थे.
तो आंटी अकेली चली गई और मेरी मम्मी को दीदी का ख्याल रखने को कह दिया. तो मेरी मम्मी ने भी मुझे बोल दिया कि रात को तुम टूशन खत्म होने के बाद विणा दीदी के घर ही रुक जाया करना, और सुबह अपने घर पर वापस आ जाना. मैंने मां से कहा ठीक है और यह सुनकर मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ की अब तो में दीदी के इतने नजदीक रहूँगा तो में कुछ कोशिश तो कर ही सकता हु और काम बन गया तो अपनी तो गाडी चल पड़ेगी.
अगले दिन में दीदी के घर पर ट्यूशन के लिए पहुंचा तो मेरे मन में अजीब वासना थी. विणा दीदी के घर पर पहुंचने के बाद मैंने देखा की आज दीदी ने लाइट टी शर्ट और स्कर्ट पहनी थी. उसने पहनी हुई टी शर्ट थोड़ी टाईट थी और उसकी स्कर्ट बहुत ही शोर्ट थी. उन्हें इतनी सेक्सी ड्रेस में देखते हि मेरा लंड खड़ा हो गया और में मन में ही मन सोचने लगा की हे भगवान आज मेंरी लाइन ओल क्लियर कर diya
फिर मैने जल्दी से अपना खड़ा लंड सेट कर दीया, दीदी की नजर शायद मेरे इस हरकत को देख चुकी थी. उन्होंने फिर से स्माइल कर दी, मुझे कुछ अटपटा लगा.
जब दीदी मुझे पढ़ाने लगी तो वह जब भी थोड़ा जुक कर लिखती तब उनके बूब्स की क्लीवेज मुझे दिख जाती. मेरे मन में उसके लिए वासना और भूख बढ़ने लगी और मेरा लंड फडफडाने लगा. मैं सोचने लगा की दीदी को कैसे चोदु.
अब में तो ट्यूशन के बाद में वह रुकने वाला था, और कुछ टाइम घूमने चला गया ७:४५ के करीब. मैंने नेट पर सर्च किया की लड़कियों को कैसे सिड्यूस करते हैं. मुझे पता चला की वियाग्रा से ऐसा हो सकता है. सो मै स्टोर पर गया और वियाग्रा की टेबलेट ले ली. फिर मैने एक जूस की एक बोतल ली और वियाग्रा की गोली उसमें मिला दी. फिर मैं वापस विणा दीदी के घर आ गया और मैंने जूस उनको पीने को दिया. फिर दीदी ने बड़ी ख़ुशी से जूस पी लिया.
फिर मैं किचन में पानी पीने गया १० मिनट के बाद तो वापिस आने पर देखा दीदी वहां नहीं थी. मैं उनके घर की तरफ गया तो दिदी का रूम का दरवाजा बंद था पर वह लोक नहीं था. मैंने धीरे से दरवाजा खोला तो देखा की दीदी बेड पर लेटी हुई थी, और वह अजीब अजीब सी आवाज निकाल रही थी, और अपनी स्कर्ट के अंदर बार बार अपना हाथ डालते हुए उसे मसल रही थी. उनकी आंखें बंद थी और वह औउ अह्ह्ह अह्ह्ह औऊ अह्ह्ह अम्म्म ओह्ह आह्ह औज्ज ईई अह्झ्ह्ह जज्ज मम्म अह्ह्ह उह्ह्ह उम्म्म ओह्ह ओंम्म्म्म कर रही थी. मैं समझ गया की वियाग्रा ने दीदी को तड़पा दिया है सेक्स के liye
मैं यह मौका गवाना नहीं चाहता था. तो मैं भी बहोत जल्दी से उनके पास गया और बोला क्या हुआ दीदी आपको? तो वह डर गई और अपना हाथ स्कर्ट से निकाल दिया और कहने लगी कुछ नहीं. मैंने बोला कुछ तो हुआ है प्लीज बताओ.
तो वह कुछ भी नहीं बता रही थी और वियाग्रा का फुल असर होते ही उनसे रहा नहीं गया, और उन्होंने फिर स्कर्ट में हाथ डाल दिया और चूत को सहलाना शुरू कर दिया और वह भी मेरे सामने. इधर मेरा लंड यह सब देख कर मेरी निकर को फाड़ कर बहार निकलने की कोशिश करने लगा.

मैने ज्यादा कुछ सोचा नहीं और दीदी की स्कर्ट जबरदसती उतार दी. मदहोश होने के कारण दीदी मेरा विरोध नहीं कर सकी. मैंने जल्दी से दीदी की पैंटी में मेरा हाथ डाल दिया और मसलने लगा. मेरा हाथ पडते ही विणा दीदी ने अपना हाथ निकाल लिया और औऔ हहह उऔउ अम्म्म अह्ह्ह उऔ जज्ज एऊ ईई अह्ह्ह अओअऊ ओह्ह्ह ओः अहः अह्हह ओह्ह औम्म्म आयी उझ्ह्ह इम्म्म्म आवाजे करते हुए बेड पर लेट गई.
यह देख कर मैं खुश हो गया क्योंकि मेरा काम बन गया था. दीदी की चूत एकदम से शेव की हुई और पिंक थी. मैंने एक उंगली डालनी चाहि तो मेरी उंगली उसकी चूत में नहीं जा पाई, क्योंकि उसकी वर्जिन चूत अभी भी काफी टाइट थी. मुझे समझ में आ गया की दीदी अभी भी वर्जिन है. अब तो में भी एकदम गरम हो गया था. दोस्तों आप ये कहानी चोद्काम डॉट कोम पे पढ़ रहे है।
मैंने जल्दी से अपने एक एक कर के सारे कपड़े उतारे और फिर दीदी की चूत को सहलाने लगा. दीदी मदहोशी में आह्ह अह्ह्ह अम्म ऊऊ ऊऊओ ह्ह्ह येस्स्स्स बेबी फक मी आह्ह्ह्ह ईई फक मी बेबी आऊऊ कह रही थी. इससे मेरा जोश और भी बढ़ गया. मैंने चूत के साथ साथ दीदी के एक बूब को भी दबाने लगा.
फिर विणा दीदी और भी मचलने लगी. मैंने दीदी की टी शर्ट उतार दी और ब्रा भी खोल दी जल्दी से. ब्रा उतरते हैं उनके ज्यूस टाइट और गोरे गोरे बूब्स मेरे सामने थे. मैं उनपे झपट पड़ा और उन्हें चूसने लगा. दीदी के बूब्स बहुत रसीले थे, तो मैं उन्हें २० मिनट तक चूसता रहा और चूत भी सहलाता रहा.
फिर मैंने दीदी के होंठों को चूसा और वह भी मेरा साथ देने लगी. दीदी अभी भी मदहोश करने वाली आवाज निकाल रही थी. अह्ह्ह हह्ह्ह हहह जानू चुसो मरे बूब्स को इनका रस पि लो मेरी जान ..आझ्ह्ह अक्क्क्क इह्ह्हह्ह आह्ह्ह उम्म्मम्म ओह्ह्ह्ह चुसो बेबी और जोर से चुसो मुझे. कुछ देर चूसने के बाद मैंने अपना लंड दीदी की चूत पर रख दिया और धीरे से झटका मारा. मेरा लंड अंदर नहीं गया क्योंकि दीदी की चूत टाइट थी और चूत की सील नहीं टूटी थी.
फिर मैंने एक जोर से झटका मारा तो लंड थोड़ा अंदर गया. दीदी चिल्ला उठी. मैंने जल्दी से उनके होठों को अपने होठों से बंद करके चूसना शुरू कर दिया और एक और जोर का झटका मारा, मेरा आधा लंड दीदी की चूत की सील तोड़ता हुआ अंदर घुस गया. दीदी दर्द में तड़पने लगी और मुझे धक्का मारने लगी. आःह्ह अमित निकाल बाहर इसे. पर मेरे दिमाग में सेक्स सवार था, मैं नहीं रुका और फिर धक्का मारा. इस बार लंड पूरा अंदर चला गया और दीदी और तड़पने लगी मुझे मज़ा आ रहा था दीदी को तड़पते देख कर.
मैंने जोर जोर से मेरा लंड दीदी की चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया, दीदी लगातार तड़प रही थी और चिल्ला रही थी साले निकाल बाहर लंड अपना दर्द हो रहा है मुझे. निकाल देना यार. मैं इससे और जोश में आ गया और चोदने की स्पीड बढ़ा दी दीदी और तड़पने लगी. उनकी हर अह्ह्ह उह्ह्ह इह्ह्ह निकालो अब मजे में बदलकर अहहह जानू येस्स्स्स चोदो मुझे और चोदो अमित मैं बदल गई.
मैं भी सातवें आसमान पर था मैं चोदता रहा दीदी साथ देती रही. और अपनी गांड उछाल उछाल कर कहती रही चोदो इस प्यासी को चोदो आज तुमने मेरा सपना पूरा कर दिया. तुम मेरी जान हो. अपनी दीदी को और जोर से चोदो यार. आई लव यू बेबी. और जोर से चोदो जानू आह्ह्ह अह्ह्ह्ह अह्ह्ह ओह्ह्ह.
लगभग ४९ मिनट के हॉट सेक्स के बाद हम दोनों झड़ गए और मेने दीदी की चूत में अपना माल छोड़ दिया. दीदी बहुत खुश थी और हम गले लगकर नंगे लेटे रहे. मैं उनके बूब्स चूसता रहा. इस दौरान मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने फिर से दीदी को 31 मिनट तक घोड़ी बना कर जोर जोरसे चोदा.
फिर हम लोग नहाने चले गए जहां फिर दीदी को चोदा बात टब के अंदर पानी में. नहाने के बाद हमने खाना खाया फिर मैंने दूध पिया. रात के ११:३१ बजे जब हम सोने लगे तो मैंने फिर एक बार दीदी को जमकर चोदा. दीदी पूरे मूड में मेरा साथ दे रही थी और इंजॉय कर रही थी.
अगले दिन सुबह घर जाने से पहले मैंने एक बार फिर अपनी प्यारी सेक्सी दीदी को चोदा. अगले 3 दिन मैंने दीदी की खूब चुदाई की और गांड भी चोद दी. उनकी मम्मी के आने के बाद भी हम लोग दीदी के कमरे को लॉक कर के चुदाई करते थे. अब विणा दीदी की शादी हो गई है लेकिन जब मेरा मन करता है मैं उनको बुला लेता हूं उनके मायके. आज भी विणा दीदी मेरे लंड के लिए तड़पती है.

Thursday, August 23, 2018

बड़ा लंड गया बहन की चूत के अन्दर

          
                   
                           incest sex kahani
हेल्लो मेरे दोस्तों क्या भौंक रहा है आपका लंड आजकल | सब बढ़िया चल ही रहा होगा और नहीं भी चले तो अपना क्या अपना तो लंड हमेशा पिचकारी ही चलाता रहता है | दोस्तों मेरा नाम है संपू और मैं भत्ता मोहल्ले में रहता हूँ जहाँ पे ईट बनायीं जाती हैं | ये एरिया बड़ा ही ख़राब हैं क्यूंकि यहाँ पर आसामाजिक तत्व हमेशा बैठे रहते है और दारु गांजा चलता रहता है | इनको देख कर लगता है इनकी गांड में सरिया डाल दूँ गरमा गरम पर साला कर नहीं सकता क्यूंकि इन लोगों का बजन चलता है पूरे एरिया में | अगर मैंने इनसे कुछ कहा तो मेरी गांड तोड़ देंगे और मेरे घरवालों को भी परेशान करेंगे | दोस्तों ये था मेरे बारे में और मैं कहा रहता हूँ उसके बारे में | अब मैं अपने घर के बारे में आपको कुछ बता देता हूँ | तो दोस्तों मैं अकेला नहीं हूँ मेरी एक बड़ी बहन है और मम्मी पापा हैं घर में | मेरे पापा सरकारी नौकरी करते हैं और हम दोनों पढ़ाई करते हैं और मम्मी घर संभालती हैं | हम बड़े ही सभ्य लोग हैं और किसी से कोई मतलब नहीं रखते और जहाँ हम रह रहे हैं वहां कोई मतलब रखने लायक है भी नहीं |
पर लोग हमसे जलते हैं और क्यूंकि वहां कोई हमारे जैसा नहीं है | सिर्फ दो तीन घर हैं वहां और हमारा घर सबसे बड़ा है | मैंने पापा से कहा था कहीं अच्छी जगह घर लेते हैं भले ही पैसे लग जाए ज्यादा | पर मेरा बाप सरकारी नौकरी पर होते हुए भी सस्ती चीज़ें देखता है | कभी कभी तो गुस्सा आती है मुझे | मुझे गुस्सा इसलिए भी आती है क्यूंकि मेरी बहन बहुत जवान है और उसका फिगर भी बड़ा सेक्सी है और सारे लड़के मोह्हले के उसको देखते हैं और गंदे गंदे कमेंट करते हैं | मैंने एक बार पुलिस को फोन लगा दिया था और दो लड़कों की गांड टूट गयी थी | तबसे कुछ शांत है पर यहाँ के बड़े गुंडे पुलिस से भी नहीं डरते और मेरी बहन को पटाने के चक्कर में लगे रहते हैं | वो तो भला हो मेरी बहन इतनी समझदार है कि उसे इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता और वो सब अच्छे से समझती है | वैसे मेरी बहन है बड़ी धांसू क्यूंकि उसकी गांड और दूध जो भी देखले फ़िदा हो जाए | मैंने ऐसा इसलिए कहा क्यूंकि मैं देख चुका हूँ |
मैंने अपनी बहन को चोदने के बारे में कभी नहीं सोचा पर मैं उसके बारे में सोचके मुट्ठ मारता हूँ रोज़ | जब वो नहाने जाती है तो मैं चुपके से किचन की खिड़की के पास चढ़ जाता हूँ और उसको नंगा अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लेता हूँ | मुझे उसकी चूत देखने का मौका नहीं मिला क्यूंकि उसकी चूत पे बहुत बाल हैं | ऐसा करना गलत है पर जिस दिन से मैं भाई बहन में चुदाई वाली ब्लू फिल्म देखी है उस दिन से मैं अपनी बहन का दीवाना बन गया हूँ और बस वो ही मेरे दिल और दिमाग में छाई रहती है | मेरी बहन को इसके बारे में कुछ भी पता नहीं है और मैं नहीं चाहता कि उसको पता चले | हाँ पर मैं एक चीज़ से अपना काम चला लेता था वो है मेरी बहन की ब्रा पेंटी | मैं रोज़ उसके कमरे में जाता और उसकी पहनी हुयी ब्रा पेंटी को सूंघ के उसके दूध और चूत की खुशबू को सूंघ के अपना मुट्ठ निकालता | कभी कभी तो मैं उसके ब्रा में और पेंटी में ही अपना मुट्ठ भर देता था |
मेरी बहन को ये सब पता नहीं था पर एक दिन सब घर में थे और मेरी बहन दूकान गयी थी कुछ सामान लेने के लिए और वही गंदे लड़के वहां खड़े थे | उन्होंने कहा अरे जानेमन हमसे चुदवा लो और कितना रुकोगी | मैंने देख लिया और मैं जाने लगा उसके पास तो उसने कुछ ऐसा कह दिया जिसकी मुझे उम्मीद नहीं थी | उसने कहा मेरे भाई का लंड 10 इंच का है अगर इतना बड़ा है तो बताओ यही चुदवा लूंगी | तो एक लड़के ने कहा भाई का लंड लेगी क्या ? मेरी बहन ने कहा क्यूँ तुझ जैसे रंडी के बच्चे का लंड लेने से अच्छा है अपने सगे भाई का लंड अपनी चूत में ले लूँ | इतना कहकर वो आगे बढ़ गयी और मेरी छाती चौड़ी हो गयी और मन में लगा वाह अगर मेरी बहन सच में मेरा लंड लेले तो कितना मज़ा आ जाए | मैं ऐसा ही सोच रहा था और मेरी बहन घर आ गयी और मैं उसे देख कर मुस्कुरा रहा था | हम सब ने खाना खाया और वो बस मुझे ही देख रही थी और मैं उसे देख कर मुस्कुरा रहा था और वो भी हल्का सा मुस्कुरा रही थी |
मुझे बड़ा अजीब लग रहा था जब वो ऐसा कर रही थी क्यूंकि मेरे मन में तो उसकी चुदाई घूम रही थी | जब हमने खाना खा लिया और अपने अपने कमरे में चले गए तब वो मेरे कमरे में आई और उसने कहा संपू सुन तो मैंने कहा हाँ क्या हुआ बोल ना ? उसने कहा चल मेरे साथ मेरे कमरे में तुझसे कुछ बात करनी है | मैंने कहा हाँ चल और मैं उसके कमरे में चला गया | उसने मेरे सामने अपनी ब्रा और पेंटी रखी और कहने लगी यार देख मेरे कमरे में ना शायद कोई चूहा घुस गया मेरे सारे कपडे ख़राब कर रहा है | मैंने मन में सोचा अब मैं इसको कैसे बताऊँ कि वो चूहा मैं ही हूँ | पर उसकी ब्रा पेंटी देखते वक़्त मेरा लंड खड़ा हो गया था | अब वो नीचे झुकने लगी तो उसके दूध की नाली और पूरा ब्रा साफ नज़र आने लगा मुझे | फिर वो पलट के नीचे घुसी और पूछा कुछ दिखा क्या ? मैंने कहा हाँ मेरा मतलब नहीं अभी कुछ नहीं दिखा | मुझे उसकी गांड की नाली भी साफ दिख रही थी जो कि बिलकुल गोरी और चिकनी थी |
मेरा लंड ऐसा खड़ा हो जैसे सरिये को गरम कर दिया हो | फिर वो उठी और मेरे पास आई और कहा अच्छा तुझे नहीं दिखा क्या तो मैंने कहा नहीं | उसने मेरा लंड हलके से पकड़ा और मुझसे चिपकते हुए बोली यही तो है वो चूहा | मैंने कहा क्या मतलब तो उसने बताया जब तू मुझे नहाते हुए देख सकता है तो मैं तुझे मुट्ठ मारते हुए नहीं देख सकती क्या ? मैंने कहा मतलब तूने जो उन लडको से कहा वो सच था | उसने कहा हाँ मुझे तेरा ही 10 इंच का लंड लेना है अपनी चूत में और इतना बोलते हुए मेरे लोअर को उतार दिया | वो मेरे लंड को ऊपर नीचे करते हुए उससे खेलने लगी और अपने कपडे भी उतारने लगी | वो बस ब्रा पेंटी में मेरे सामने खड़ी थी और उसका चिकना बदन मुझे तरसा रहा था | फिर उसने मेरे लंड को अपने मुंह में भर लिया और और चूसने लगी | मैंने भी उसके बदन को सहलाने लगा और उसके दूध को दबाने लगा | वो जोर से मेरा लंड चूसने लगी और उसके दूध मैं मस्त दबाने लगा | उसके दूध मेरे हाथों में नहीं समां रहे थे इतने बड़े थे |
फिर उसने अपनी ब्रा को खोल दिया और मैंने उसके निप्पल को चूसने लगा और धीरे धीरे मैंने उसकी पेंटी को भी उतार दिया | उसके बाद मैं उसकी चूत में ऊँगली करने लगा और वो सिस्कारियां लेने लगी | हम दोनों अब ६९ पोजीशन में आ गए थे | वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी चूत को चाट रहा था | मैंने उसकी चूत को खोला और देखा तो वो एकदम गीली और गुलाबी थी | मैंने उसकी चूत को तब तक चाटा जब तक उसने पूरा माल मेरे मुंह में नहीं बार और मैंने भी अपना मुट्ठ उसके मुंह में भर दिया | फिर हम एक दुसरे से चिपक गए और मैंने उसके दूध को फिर से पीना शुरू कर दिया और मेरे लंड को सहलाने लगी और मैं उसकी गांड में ऊँगली कर रहा था | वो आआह्हह्हह ऊऊउह ऊऊउम्म्म्म आआह्हह्हह ऊऊउह ऊऊउम्म्म्म कर रही थी | उसके बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और मैंने अपने लंड को उसकी गीली चूत पे टिका दिया और एक धक्का मारा तो पूरा पंड उसकी चूत में | वो पागल हो गयी और कहने लगी निकाल |
पर मैं धीरे धीरे चोदने लगा | उसने बिस्तर को कस के पकड़ लिया और थोड़ी देर बाद मस्त हो गयी और आआह्हह्हह ऊऊउह ऊऊउम्म्म्म आआह्हह्हह ऊऊउह ऊऊउम्म्म्म करते हुए मेरा चुदाई में साथ देने लगी | करीब आधे घंटे तक मैंने उसकी चूत मारी और पूरी चादर पे ख़ून था | उसके बाद मैंने उसके गांड के छेद को भी चोदा और पूरा मुट्ठ उसकी गांड के अन्दर भर दिया | वो मेरे लिए नए नए कंडोम लाती है और 

बहन के साथ पहली चुदाई

This summary is not available. Please click here to view the post.

Wednesday, August 22, 2018

अपनी सगी मौसी को खिलाई सेक्स की गोली - Hindi Sex Stories, Sex Kahani, Indian Sex Story

                                                




यह तब की कहानी है. जब मैं 21 साल का था। और मेरी मौसी की उम्र 35 की थी। सुन्दर बॉडी थी. बड़े बोब्स मैं मौसी को जब भी देखता तो मुझे उनका सेक्सी फिगर देखकर मन मे गुदगुदी होती थी। उनका सुडोल गोरा बदन बहुत हसीन था।
एक बार उन्होने मुझे अपने यहाँ रहने को बुलाया था. मैं एक महीने के लिए उनके वहां रहने गया। उनका घर बहुत छोटा था.  सिर्फ़ दो कमरे थे. एक किचन और दूसरा उनका हॉल। जब मैं उनके यहा रहने गया तो मौसी ने मुझे देख कर मुझे गले लगा लिया. जिससे उनके बोब्स मेरे सीने से दब गये। मुझे भी मज़ा आया उस दिन मैने भी उन्हे गले लगा लिया और गाल पर किस भी कर दी। मेरी मौसी घर में ज़्यादातर गाउन ही पहना करती थी। जिससे जब वो घर का काम करने के किए झुकती तो उनके बोब्स का भूगोल देखकर मेरा 8″इंच. लंबा लंड खड़ा होने लगता वो मुझसे बहुत प्यार करती थी।
एक बार मौसी किसी काम के लिए नीचे झुकी तो मैने देखा की उन्होने ब्रा, नही पहनी हुई थी तो मुझे उनके बोब्स और थोड़ी चूत दिखाई दी। मेरा ये देखकर बुरा हाल हो गया था। मैं तभी बाथरूम में जाकर मूठ मार कर आया।
मेरा दिल मौसी को चोदने के लिए मचल रहा था. लेकिन मेरी हिम्मत ही नही हो रही थी. मैं  मौसी और मौसाजी एक ही बेड पर सोते है. बेड बड़ा था इसलिए हम तीनो को एक ही बेड पर सोने में कोई दिक्कत नही होती थी। पहले मौसी फिर मौसाजी फिर मैं इस तरह लाइन में सोते थे। सोने से पहले मौसी मौसाजी और मुझे दूध ज़रूर देती थी. सोते टाइम घर में अंधेरा रहता है कोई किसी की शक्ल भी नही देख सकता इतना अंधेरा रहता है।


                                               


एक बार मेरी रात को आँख खुली तो मुझे महसूस हुआ की मौसा मौसी की चुदाई कर रहे है. मैने जब गौर से देखा तो मौसा मौसी के उपर लेटे हुए थे और मौसी नंगी नीचे लेटी हुई थी और मौसा मौसी की चुदाई कर रहा था। मौसी बीच बीच मे आआहह.. हूउउ.. न.नाओ उककच..उऊन कर रही थी। ये देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया मैने अपने लंड को पकड़कर उन्हें देखकर वही मूठ मार ली। दोनो आपस में काफ़ी देर तक चुदाई करते रहे ये देखकर मुझे पता ही नही चला की मुझे कब नींद आ गयी। अब मेरा मन और खराब होने लगा मौसी की चुदाई के लिए।
अब मैं 4-5 दिन तक रोज़ जल्दी सोने का बहाना करके लेट जाता था. और मौसी की चुदाई देखा करता था. एक बार मैने देखा की मौसी नंगी आँख बंद करके लेटी हुई और मौसा उनकी चूत में अपना मूह डालकर चूस रहे है। मुझसे रहा नही गया मैने अपना एक हाथ बढाकर मौसी की एक चूची पर रख दिया। मौसी को कुछ पता नही चला की किसका हाथ है. मुझमे और हिम्मत आई तो मैं ज़ोर ज़ोर से मौसी की चूची को दबाने लगा।
मौसी की चूची इतनी बड़ी थी की मेरे हाथ में ही नही आ रही थी. मौसी भी मज़े से अपनी चूची दबवा रही थी. और मैं दूसरे हाथ से अपने लंड को पकड़कर मूठ मार रहा था। फिर थोड़ी देर बाद मेरा पानी निकल गया तो मैने मौसी की चूची से हाथ हटा लिए और सो गया। इन दोनो की चुदाई में मैने ध्यान दिया की दोनो में से कोई बात नही करता था।
फिर शनिवार आया रविवार को मौसाजी की छुट्टी होती है तो वो शनिवार रात को मौसी को जम कर चोदते है। इसलिए शायद मौसी भी थोड़ी ज़्यादा तैयारी रखती होगी. अब मुझसे रहा नही गया तो मैं मेडिकल स्टोर गया और वहा से नींद की गोली ये कहकर ले आया की मेरे दादा  को 3 दिन से नींद नही आ रही है. उनके लिए कोई नींद की गोली दीजिए। उन्होने बताया की 2 गोली काफ़ी होगी लेकिन मैं 4 गोली ले आया. अब मैं रात का इंतेज़ार करने लगा। रात को मौसी ने मुझे किचन में बुलाया और दूध देकर कहा की ले अपने मौसाजी को दे आ।
मैं उनकी नज़र बचा कर नींद की 4 गोली मौसाजी के दूध में मिला दी. फिर मैने दूध मौसाजी को दिया तो मौसाजी ने पी लिया। आज रात मौसी ने नाईटी पहनी हुई थी। फिर वो दोनो लेइट गये और मैं भी लाइट बन्द करके लेट गया. 1 घंटे बाद मैने मौसाजी को हल्के से हिलाकर देखा तो उन पर नींद की गोली का असर हो गया था। वो सो गये थे. मैने उन्हे अपनी जगह सरका दिया और उनकी जगह मैं आकर लेट गया। मौसी का मूह दूसरी तरफ था तो उन्हे पता नही चला।
अब मैने पहले अपने सारे कपड़े उतार दिए और मौसी की कमर पर अपना हाथ रखा मुझे लगा की मौसी सो गयी है। लेकिन वो जागी हुई थी। अब मैने अपना हाथ उनके बोब्स पर रखा और उन्हे नाईटी के उपर से दबाने लगा और उनसे चिपक कर लेट गया।  जिससे मेरा लंड मौसी की गांड को टच कर रहा था। ओर मेने अपनी एक टाँग मौसी के पैरो के बीच में डाल दी और अपने पैर से मौसी क़ी चूत को रग़ड रहा था। मौसी थोड़ी देर बाद गर्म होने लगी थी. थोड़ी देर बाद मौसी ने अपना मूह मेरी तरफ किया तो मैने उनके होटो पर अपने होट रख दिए. आह क्या टेस्ट था उनके होटो का मैं तो पागल हो गया।
अब मैं अपना हाथ उनकी नाईटी के अंदर डालकर मौसी की चूची दबाने लगा. मौसी ने अपना हाथ मेरे हाथ पर रख दिया और दबाने लगी। मौसी ने नीचे ब्रा नही पहनी हुई थी। मैने मौसी की नाईटी उतार दी और उनके उपर लेट गया और अपने बदन से उनका बदन रगड़ने लगा।  जिससे उनकी चूचीया मेरे सीने से रग़ड रही थी और मेरा लंड उनकी पेंटी के उपर से उनकी चूत पर रग़ड रहा था। तब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
अब मैं उनके होंठों पर किस करता हुआ उनके गाल पर किस करने लगा. मौसी को बहुत मज़े आ रहे थे। मौसी धीमी आवाज़ में कहने लगी की आज क्या हुआ है तुम्हे आज तो बहुत अच्छी तरह से कर रहे हो। मैं कुछ नही बोला मैं अपने काम में लगा रहा। फिर मैं किस करता हुआ उनकी चूचीयो की दरार पर आ गया. फिर मैं उनकी चूची को मूह में लेकर चूसने लगा और दूसरी वाली चूची को हाथ से दबाने लगा।
मेरी मौसी पागल होती जा रही थी. कहने लगी की आआहह आअराम सस्स्सीए..करू हहिईीईईईई..हाई. मैने उनका दुसरे चूची को रग़ड रग़ड कर लाल कर दिया था. तो मुझे कहने लगी की आराम से जान। फिर मैने मौसी के पेट पर किस किया. उन्हे डर था की पास में लेटा हुआ यानी मैं. जग ना जाय। इसलिए ज़्यादा आवाज़े नही कर रही थी. फिर मैं मौसी की चूत की तरफ अपना मूह लाकर उनकी जाँघ पर पागलो की तरह किस करने लगा. हम 69 की पोज़िशन में हो गये थे।
फिर मैं अपनी मौसी की प्यारी चूत जो अभी तक पेंटी में क़ैद थी उस पर अपना हाथ रख दिया। मुझे मौसी की पेंटी गीली महसूस हुई तो मैने सूंघ कर देखा तो बड़ी मादक खुशबू आ रही थी। उनकी पेंटी से तो मैने अपनी जीभ से उनकी पेंटी को चाटने लगा चूत के उपर से ही।
दूसरी तरफ मौसी मेरे लंड के चारो तरफ़ से अपनी जीभ से चाट रही थी. कभी दबा रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर उन्होने मेरे लंड की टोपी को अपने मूह में रख कर अंदर बाहर कर रही थी। मुझसे रहा नही गया तो मैने एक हल्का सा झटका मारा तो मेरा 4″इंच लंड उनके मूह में चला गया।इस हमले से मेरी प्यारी मौसी के आँख से आँसू निकालने लगे लेकिन उन्होने मेरा लंड बाहर नही निकाला बल्कि और चूस रही थी. इधर मैने मौसी की पेंटी निकालने लगा तो मौसी ने अपनी गांड उठाकर मेरी हेल्प की पेंटी निकालने में अब मौसी की वो चूत मेरे सामने थी जो मुझे रोज़ परेशान करे रखती थी। अब मैं अपनी ज़ुबान को मौसी की चूत पर फिरा रहा था. उपर से नीचे और नीचे से उपर की तरफ। मेरी मौसी का बुरा हाल था। फिर मैने अपने हाथ की दो उंगली से मौसी की चूत को खोला और उसमे अपनी जीभ डाल दी और जीभ से करने लगा। मेरी प्यारी मौसी पागलो की तरह अपनी गांड को उपर नीचे करने लगी।
फिर मैने अपनी 3 उंगली से उनकी चूत में करने लगा. इसी दौरान मेरी मौसी 2 बार झड़ चुकी थी और मैं उनका रस पी गया था।  मैने फिर अपनी 1 उंगली को उनकी चूत की रस से भिगोकर उनकी गांड के छेद पर रख दी. उनके उपर नीचे होने की वजह से मेरी उंगली उनकी गांड  में अंदर बाहर होने लगी. उधर मेरा लंड का भी बुरा हाल था। मौसी ने चूस चूसकर मेरे लंड का पानी निकाल दिया था. मौसी फिर से मेरे लंड को खड़ा करने के लिए उसे चूस रही थी. क्युकी उन्हे अपनी चूत की भी सेवा करवानी थी।


                                              



15-20 मीं. बाद मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा तो मैं मौसी की चूत छोड़कर उनके मूह के पास आ गया।  मौसी मेरा चेहरा पकड़ कर मेरा कान अपने मूह के पास लाकर बोली की जान आज सेक्स करने में बहुत मज़ा आ रहा है. आज कहा से सीखकर आए हो. मैने उनके होंठों पर अपनी उंगली रखकर उन्हे चुप करा दिया। क्युकी मैं भी कुछ नही बोल रहा था. तो वो फिर कुछ नही बोली. अब मैने अपने होंठ प्यारी मौसी के होंठों पर रख दिए। उन्होने अपना मूह खोला और अपनी जीभ मेरे मूह में डाल दी। मैने उनकी जीभ को अपने होंठो से पकड़कर अपनी जीभ से चूसने लगा. बड़ी टेस्टी थी मेरी प्यारी मौसी की जीभ। मेरे से रहा नही गया तो मैने उनके दोनो चूचीयो को अपने हाथो में लेकर ज़ोर दे दबा दी. उनके मूह से चीख निकलती निकलती रह गयी. क्युकी उनके मूह को मेरे मूह ने बंद किया हुआ था।
मेरा लंड मौसी की चूत पर दस्तक दे रहा था. मौसी से रहा नही गया वो मेरे कान में बोली की जान अब सहा नही जा रहा हे। मैने मौसी का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया. मौसी ने अपनी टाँगो को फैलाकर मेरा लंड अपनी चूत पर रख दिया। लेकिन मैं मौसी को और तड़पाना चाहता था इसलिए लंड अंदर नही डाला. 5 मीं. बाद मौसी फिर से मेरे कान में बोली अब डाल भी दो क्यू तडपा रहे हो.
इतना सुनना था की मैने एक जोरदार झटका मारा. मेरा लंड पूरा का पूरा मौसी की चूत में चला गया. मौसी की हलक से एक हल्की सी चीख निकली तो मैने अपना हाथ मौसी के मूह पर रख दिया मौसी की चूत मुझे थोड़ी टाइट लगी शायद मोंसाजी का लंड मेरे से तोड़ा छोटा और पतला होगा।
मौसी ने मेरा हाथ हटाया और बोली आज तुम्हे क्या हो गया है मुझे मार ही डालोगे क्या.. आपका लंड भी थोडा बड़ा बड़ा लग रहा हे. क्या बात है कोई दवाई ली है क्या आज… मैने उनके होठों पर अपने होंठ रखकर फिर से चुप करवा दिया।
मैं मौसी की चूत में जोरदार लंड डालता गया और मौसी धीरे से बोलती जा रही थी की उमाआ..म्माअररर गग्ग्गाययईीई आआहह मेरी छत्त्त्तत्त फट गगायईयी आआअरर्र्र्ररर ज्ज्ज्जूऊर सस्स्स्सीए उई..माँ…आआआआज मेर्र्र्री छुउुउत. मौसी शायद भूल गयी थी की घर में उसका भांजा भी सो रहा है।
लेकिन मौसी को क्या पता की भांजा ही चुदाई कर रहा है उनकी। मोंसा तो नींद की गोली लेकर सोया हुआ है। मौसी नीचे से उच्छल उच्छल कर मुझसे चुदवा रही थी। इस दौरान मौसी 2 बार झड़ चुकी थी. लेकिन मैं अभी झड़ने नही वाला था. मैने मौसी को 25 मीं.तक लगातार जोरदार चुदाई कर रहा था. अब मैं थकने लगा था तो मैने मौसी को पकड़कर अपने उपर बेठा लिया और मैं नीचे लेट गया।
मौसी समझ गयी थी की मैं क्या चाहता हू. वो मेरे लंड को पकड़कर अपनी चूत पर सेट करके एक दम से मेरे लंड पर बैठ गयी और अपना मूह मेरे मूह के पास लाकर मुझे किस करने लगी और धीरे से बोली की इतना मज़ा तो सुहागरात वाली रात को भी नही आया था जान जितना मज़ा आज आप दे रहे हो. मौसी जानती थी की मोंसाजी सेक्स करते हुए बोलते नही थे. इसलिए उन्हे कोई शक भी नही हो रहा था। मैने मौसी की गांड के नीचे हाथ रखा और उसे उपर नीचे करने लगा जिससे मौसी को इशारा मिल जाए की मैं क्या चाहता हू. मौसी मेरे लंड पर उपर नीचे होकर चुद रही थी. ऐसा लग रहा था की मैं मौसी को नही मौसी मुझे चोद रही हो। ऐसे हिलते हुए मौसी की चूचीया बड़ी मस्त लग रही थी. मैने हाथ बडा कर मौसी की चूचीयो को पकड़ लिया और मौसी को अपनी तरफ खीचा। जिससे मैने मौसी को अपने से चिपका लिया और मौसी मेरा लंड अपनी चूत में ले रही थी।


                                           

           
मैने मौसी की एक चूची को मूह लेकर चूसने लगा तो मौसी अपनी दूसरी चूची खुद ही दबाने लगी. ऐसे करते हुए मौसी एक बार और झड़ी मौसी का पानी मेरे लंड पर आ रहा था। मैने अपना हाथ अपने लंड के पास लाकर मौसी की चूत का पानी को छुवा तो मेरा हाथ पूरा गीला हो गया। मैने फिर उस हाथ को अपने मूह के पास लाकर चाटने लगा. मुझे अच्छा लग रहा था. मैं फिर से चूत के पास हाथ रखा तो फिर गीला हो गया।
इस बार मैने मौसी के मुहं के पास उन्ही की चूत का पानी लगा हुआ हाथ ले गया. पहले तो वो अपना मूह इधर उधर करती रही. फिर मैने उनके बाल पकड़कर अपना हाथ उनके मूह में दे दिया। जिससे उन्होने चाट लिया. मेरी अब थकान मिट चुकी थी. मैने मौसी को नीचे लेटाया और उनकी टाँगो को बेड की साइड में उतार दिया और मैं उनकी टाँगो के पास जाकर खड़ा हो गया। मैने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया जिससे उनकी चूत और उभर गयी। मैने मौसी की एक टाँग अपने कंधे पर रखी जिससे मौसी की चूत और खुल गयी थी।
मैने मौसी का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रखा मौसी ने मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत पर रखा और मेरा लंड दबा दिया। मैं समझ गया. मैने एक झटका मारा तो मेरा लंड उनकी चूत में पूरा चला गया। फिर मैं धीरे धीरे मौसी की चुदाई कर रहा था तो मौसी बोली की जान जरा तेज करो ना.. मैं फिर ज़ोर से धक्के लगाने लगा मौसी भी अपनी कमर उठा उठाकर मुझसे चुदवा रही थी। मौसी की चूत ने फिर से पानी छोड़  दिया।
मैने ये महसूस किया तो मैने दो उंगली से चूत के पानी से भीगो कर मौसी की गांड पर रख दी. जिससे उनके हिलने से उंगलिया अंदर बाहर होने लगी. मौसी ने शायद कभी गांड नही मरवाई होगी।
इसलिए वो बार बार मेरी उंगली को हटा देती थी. 45 मीं. के बाद मुझे लगा की मैं झड़ने वाला हू मैने मौसी की चुदाई की स्पीड और बड़ा दी. मेरे साथ साथ मौसी भी एक बार झड़ गई. इस चुदाई में मौसी कम से कम 4 बार झड़ी होगी।
मैं अपना लंड चूत में डाले हुए मौसी पर गिर गया. मौसी मुझे चूमने लगी और कहने लगी जान जैसा आज चोदा है वैसे रोज़ क्यो नही चोदते हो. तब मैं किस करता हुआ बोला मेरी प्यारी मौसी जान आज से पहले तुमने मुझे मौका दिया ही कहा था. ये सुनना था की मौसी एक दम चौक गयी और बोली तेरे मोंसाजी कहा है। मैने कहा मौसी वो तो सो रहे है. इतनी देर से मैं ही आपकी चुदाई कर रहा था मौसी जान। मौसी मुझे अपने से अलग करने लगी. लेकिन मैने मौसी को छोडा नही. मैने कहा आप बहुत नमकीन हो मौसी…दिल करता है की आपको चोदता ही रहूँ. ये कहते हुए मैं फिर से मौसी की चूत में उंगली करने लगा और उनके बोब्स को दबाने लगा. मौसी को भी मेरी चुदाई अच्छी लगी थी इसलिए मान गयी और कहने लगी तेरे मौसा को इस बात का पता नहीं चलना चाहिए। उस दिन के बाद से आज तक में और मौसी पति पत्नी की तरह रहते है और जी भरकर चुदाई करते है।
दोस्तों यह थी मेरी मोसी की चुदाई। आप को केसी लगी मेरी कहानी मुझे जरुर बताना।
धन्यवाद …